धनु दारा स्मपति सगल जिनि अपुनी करि मानि ॥
इन मै कछु संगी नही नानक साची जानि ॥५॥
(वाणी श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी)।
श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के इस शलोक की व्याख्या इस वीडियो में की गयी है…
धनु दारा स्मपति सगल जिनि अपुनी करि मानि ॥
इन मै कछु संगी नही नानक साची जानि ॥५॥
(वाणी श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी)।
श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के इस शलोक की व्याख्या इस वीडियो में की गयी है…